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स्‍मार्टफोन में प्रोसेसर और उनकी खासियत


                                                   मोबाइल प्रोसेसर

स्‍मार्टफोन भी एक प्रकार का कंप्यूटर होता है और जिस प्रकार कंप्‍यूटर में प्रोसेसर (Processor) लगा होता है, उसकी प्रकार स्‍मार्टफोन में भी प्रोसेसर (Processor) होता है और आजतक लोग फोन खरीदने से पहले यह देखने लगे हैं उसमें कौन सा प्रोसेसर (Processor) लगा है, अगर आप भी नया फोन खरीदने जा रहे हैं तो पहले
मोबाइल प्रोसेसर (Mobile Processor) जान लें -




मोबाइल प्रोसेसर क्या है 
आजकल मार्केट में डुअल-कोर, क्वाड-कोर, ऑक्टा-कोर वाले फोन आ रहे हैं, लेकिन ज्‍यादातर यूजर्स पहले ही प्रोसेसर नाम से कंफ्यूज थे अब वे इससे परेशान हैं कि ये कोर क्‍या है वो भी कई तरह के ? अब कैसे एक अच्‍छे प्रोसेसर वाले फोन का चुनाव करें, सबसे पहले जानते हैं कि प्रोसेसर में कोर क्‍या है ?
प्रोसेसर में कोर क्‍या है - What Is Core In Processor
असल मेंं कोर (Core) सीपीयू यानि प्रोसेसर के अंदर लगी एक गणना (computation) करने वाली यूनिट या चिप होती है, एक कोर वाले को Single Core Processor कहते हैं प्रोसेसर की शक्ति गीगाहर्टज (GHz) पर निर्भर करती है, यानि जो प्रोससेर जितने ज्‍यादा गीगाहर्टज (GHz) का होगा उतनी ही तेजी से गणना करेगा। अब फिर सेे बात करते हैंं कोर की डुअल-कोर, क्वाड-कोर, ऑक्टा-कोर क्‍या हैं ?

Single Core Processor ज्‍यादा बोझ पडते ही हैंग होने लगता था, इसलिये इसकी क्षमता बढाने के लिये प्रोसेसर में अतिरिक्‍त कोर (Core) लगाये जाते हैं, इनकी संख्‍या के आधार पर ही प्रोसेसर के नाम पडें आईये जानते हैं -
दो कोर मतलब -  Dual Core Processor
चार कोर मतलब - Quad Core Processor
छह कोर मतलब - Hexa Core Processor
आठ कोर मतलब - Octo Core Processor
दस कोर मतलब - Deca Core Processor
स्‍मार्टफोन के लिये Snapdragon, Mediatek और ARM Cortex जैसी कंपनियां Processor बना रहीं हैं, आप अपने बजट के हिसाब से कोर (Core) और गीगाहर्टज (GHz) को देखते हुए मोबाइल प्रोसेसर (Mobile Processor) के अनुसार स्‍मार्टफोन का चुनाव कर सकते हैं।



फोन स्क्रीन  और उनकी खासियत
किसी भी फोन को खरीदते समय उसकी स्क्रीन के बारे में जानकारी होना जरूरी है क्योंकि फोन डिसप्ले पर सारे काम होते हैं। यदि आप कोई नया स्मार्टफोन खरीदते हैं तो स्पेसिफिकेशन में उसके स्क्रीन साइज या रेजल्यूशन आदि के बारे में पता करते हैं। क्योंकि जितनी बेहतर स्क्रीन होगी उतने ही बेहतर तरीके से उसका उपयोग कर सकते हैं। मोबाइल फोन में कई प्रकार की स्क्रीन होती हैं ऐसे में क्या आप जानते हैं कि कौन सी स्क्रीन अधिक बेहतर है? आइए हम आपको बताते हैं फोन में उपयोग होनी वाली स्क्रीन और और उनकी खासियत के बारे में।



स्क्रीन के प्रकार

1. एलसीडी
यह आंखों पर तेज प्रकाश को रोकता है। आजकल मोबाइल फोन में इसका प्रचलन है। एलसीडी स्वयं कोई प्रकाश उत्पन्न नहीं करता बल्कि दूसरे स्रोत से पड़ने वाले प्रकाश को माॅडूलेट करता है। साथ ही एलसीडी स्क्रीन में हाई रेजल्यूशन की उपलब्धता होती है।

2. टीएफटी एलसीडी
टीएफटी (Thin-film transistor liquid crystal display) स्क्रीन एलसीडी की तरह ही होती है। इसे एलसीडी का विकसित रूप भी कह सकते हैं। टीएफटी स्क्रीन का उपयोग एक बेहतर विकल्प है। इसके डिसप्ले में तकनीकी का बेहतर प्रयोग किया गया है।

3. आईपीएस
इस स्क्रीन में उच्च स्तरीय रंगों के साथ नए अनुभव का अहसास होता है। एलजी के स्मार्टफोंस हाई क्वालिटी आईपीएस स्क्रीन के लिए ही जाने जाते हैं। इसमें अधिक पावरफुल बैकलाइट की आवश्यकता होती है तथा यह बेहतर रंगो को दर्शाता है। इसके माध्यम से स्क्रीन को एक व्यापक कोण से देखा जा सकता है।

4. रिजिस्टिव टचस्क्रीन एलसीडी
रिजिस्टिव टचस्क्रीन पैनल में कई लेयर्स होती हैं जिनके बीच में एक पतली सी जगह होती है। जब उस स्क्रीन पर फिंगर या स्टायलस टव करते हैं तो इसके सरफेस पर प्रेस होता है जिसके बाद दो लेयर एक प्वाइंट पर कनेक्ट होते हैं। टचस्क्रीन फोन में इस स्क्रीन का उपयोग अब कम बजट के फोन में किया जाता है।

5. कपैसिटिव टचस्क्रीन एलसीडी
कैपेसिटिव टचस्क्रीन व्यक्ति के शरीर के इलेक्ट्रिकल प्रॉपर्टीज के सेंसिंग से काम करता है। कैपेसिटिव टचस्क्रीन पैनल में इंडियम टिन ऑक्साइड ट्रांसपरंट कंडक्टर होता है। ह्यूमन बॉडी में भी इलेक्ट्रिकल कंडक्टर होता है, जिससे स्क्रीन को टच करने सें इलेक्ट्रोस्टेटिक फील्ड डिस्टोर हो जाता है और वह प्वाइंट आदेश के रूप में लिए जाता है। कैपेसिटिव टचस्क्रीन की बात करें तो रिज़िस्टिव टचस्क्रीन से काफी बेहतर है।

6. ओएलईडी डिसप्ले
ओएलईडी (Organic Light-Emitting Diode) में आर्गेनिक पॉलीमर के छोटे डॉट्स होते है जो इलेक्ट्रिसिटी से चार्ज होने के बाद लाइट को उत्सर्जित करते हैं। ओएलईडी एक नई डिसप्ले तकनीक है जो कि एलसीडी के मुकाबले कम पावर पर कार्य करती है। इस डिस्पले में बेहतर व्यूइंग एंगल, वीडियो और शानदार एनिमेशन का आनंद लिया जा सकता है।

7. एमोलेड डिसप्ले
एमोलेड (Active-matrix organic light-emitting diode) डिसप्ले मोबाइल फोन और टीवी के लिए उपयोग होने वाली आधुनिक डिसप्ले तकनीक है। इसमें एलसीडी की तुलना में शानदार रंग, बेहतर इमेज और कम पावर कन्जमशन होता है। साथ ही इसकी खासियत है कि इसके उपयोग से फोन पतला और हल्का होता है।
8. सुपर एमोलेड डिसप्ले
सुपर एमोलेड को एमोलेड का अपग्रेड वर्जन भी कह सकते है और यह एमोलेड के मुकाबले और भी बेहतर परफॉर्मेंस देने में सक्षम है। जहां एमोलेड को सीधे धूप में उपयोग करना मुश्किल है वहीं सुपर एमोलेड धूप में भी बेहतर परफॉर्मेंस देता हैं साथ ही यह ब्राइट इमेज को सपोर्ट करता है और इसमें पावर भी कम उपयोग होती है।

9. रेटिना डिसप्ले
रेटिना डिसप्ले एप्पल द्वारा निर्मित है और एप्पल के डिवाइस में उपयोग किया जाता है। कई बार फोन में उच्च रोशनी आंखों में चुभती है जो इस डिसप्ले के कारण कम हो जाती है। यह फोन व उपभोक्ता के बीच की दूरी पर भी निर्भर करता है। इसका उपयोग एप्पल के अत्यधिक डिवाइस में होता है जिनमें आईफोन, आईपोड टच, आईपैड मिनी और आईपैड एयर शामिल हैं।

10. मोबाइल ब्राविया
यह सोनी द्वारा उपयोग किया जाने वाला ब्रांड है इस डिसप्ले को अत्यधिक एलसीडी एचडी टीवी में इस्तेमाल किया जाता है। किंतु अब यह मोबाइल फोन में भी उपयोग किया जा रहा है। इससे फोन की स्क्रीन शाॅर्पनैस के साथ बहुत ही बेहतर नजर आती है। इस स्क्रीन का उपयोग सोनी एक्सपीरीया सीरीज फोन में अधिक देखा जा सकता है।

स्क्रीन की सुरक्षा
स्क्रीन की सु​रक्षा के लिए उसे कई प्रकार की तकनीक से कोटेड किया जाता है जिससे फोन को गिरने पर या ​किसी भी तरीके से होने वाले स्क्रैच से बचाया जा सके। इसके अलावा कुछ तकनीक फोन को गंदा होने से भी बचाती हैं।
ड्रेगन ट्रेल
आशी ग्लास कॉरपोरेशन द्वारा निर्मित यह तकनीक स्क्रीन को डेमेज होने से बचाती है। यह कॉर्निंग गोरिल्ला ग्लास से काफी मिलती—जुलती तकनीक है। इसमें कठोर तथा पतले कांच की परत का इस्तेमाल किया जाता है जो कि स्क्रीन को जो कि स्क्रीन को रगड़ व खरोच इत्यादि से बचाती है।

गोरिल्ला ग्लास
जब भी फोन की स्क्रीन की बात करते हैं तो उसमें स्क्रीन की सुरक्षा भी महत्वपूर्ण होती है। ऐसे में आज कल उपलब्ध होने वाले फोन में स्क्रीन गोरिल्ला ग्लास कोटेड होती है। गोरिल्ला ग्लास एक प्रकार का अलुमिनोसिलिटेड ग्लास शील्ड होता है जो ​कि डैमेज रेसिस्टेंस है। इसके उपयोग से फोन के डिसप्ले को स्क्रैच से बचाया जा सकता है।

ओलियो फोबिक कोटिंग
इस डिसप्ले के द्वारा आप अपने फोन की स्क्रीन को खराब व गंदा होने से बचा सकते हैं। कई बार फोन को गंदे व चिकने हाथों उपयोग करते समय उसकी स्क्रीन गंदी हो जाती है। ऐसे में यदि आपके फोन की स्क्रीन ओलियो फोबिक कोटिंग से कवर है तो इस समस्या से बचा जा सकता है।

स्क्रीन रेजल्यूशन व पिक्सल
जब भी फोन की स्क्रीन या रेजल्यूशन की बात होती है तो उसमे स्क्रीन आकार व उसके रेजल्यूशन का उपयोग होता ही है। आप अक्सर फोन खरीदते समय यह पता करते हैं कि फोन का स्क्रीन रेजल्यूशन मितना है। किंतु शायद कम ही लोग हैं जो यह जानते होंगे कि स्क्रीन रेजल्यूशन क्या है और कौन सा रेजल्यूशन फोन डिसप्ले के लिए बेहतर है। तो आपकेा बता ​कि किसी भी फोन, कम्प्यूटर या मोबाइल फोन का डिसप्ले रेजल्यूशन उसके डायमेंशन में शामिल विभिन्न पिक्सल की संख्या होती है।

मोबाइल फोन की स्क्रीन पर बनी हर इमेज कई छोटे-छोटे डॉट्स से बनती हैं जिन्हें पिक्सल कहा जाता है। यही पिक्सल फोन में इमेज की स्पष्टता को दर्शाता है। फोन स्क्रीन में जितने अधिक पिक्सल का रेजल्यूशन होगा उसकी स्क्रीन उतनी ही स्पष्ट होगी। साधारण तौर पर स्क्रीन रेजल्यूशन को width × height के आधार पर मापा जाता है। उदाहरण के तौर यदि किसी फोन की स्क्रीन का रेजल्यूशन 1024 × 768पिक्सल है तो उसका मतलब है कि उसकी चौड़ाई 1024 पिक्सल और उंचाई 768 पिक्सल है।





फोन में सबसे अधिक उपयोग होने वाले डिसप्ले रेजल्यूशन

वीजीए: 640×480 पिक्सल
एफडब्ल्यूवीजीए: 854×480 पिक्सल
एचडी: 1360×768 पिक्सल
एचडी प्लस: 1600×900 पिक्सल
फुल एचडी: 1920×1080 पिक्सल
क्वाड एचडी: 1440×2560 पिक्सल
अल्ट्रा एचडी 4के: 3840×2160 पिक्सल

अधिक  जानकारी के लिए बने  रहे।








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