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जाने कार के बारे में

नई कार और चलाने के नियम


                                                                 कार  के  नियम 

आप भी कार खरीदने की सोच रहे हैं ? तो रुकिए कार खरीदने से पहले सोचिए कि जो कार आप खरीद रहे हैं क्या वो आपके लिए ठीक है  कार खरीदने से पहले लोग हमेशा गलती करते हैं। वह बिना सोचे विचारे ही कार खरीद लेते हैं। उपभोक्ता अक्सर दूसरे लोगों की बातों पर यकीन कर कार खरीद लेते हैं। कार खरीदने से पहले हमें अपनी जरूरतों और बजट का खास ख्याल रखना चाहिए। जानिए वो कौन से सवाल हैं जो कार खरीदने से पहले



हमें खुद से करने चाहिए  कितना बजट है- सबसे पहले हमें कार अपने बजट को देखते हुए खरीदनी चाहिए। अक्सर लोग स्टाइल और मुंह सुनी बातों में आकर अपने बजट से उपर चले जाते हैं। जिन्हें बाद में अपनी गलती का एहसास होता है।  सबसे पहले तो तय करें कि आप आसानी से कितना खर्च कर सकते हैं। अगर आप हैचबैक कार लेने की सोच रहे हैं तो आपको समझना होगा कि हैचबैक कारों के मॉडल में 20-30 हजार का अंतर आ जाता है।  इसलिए कार खरीदने से पहले सेल्समैन से इस पर बिना हिचक चर्चा करें। हर मॉडल और उसके फीचर के बारे में विस्तार से जानें और उनके बीच का फर्क समझें। इसके बाद अपनी जरूरत के फीचर को देखते हुए कार का चुनाव करें। इस बात को लेकर सतर्क रहें कि आप अपने बजट से कितना उपर जा रहे हैं और कौन से फीचर ही भविष्य में मदद करेंगे और कौन से बेकार रहेंगे।




कार साइज- कार खरीदने से पूर्व ये तय कर लें कि आपकी जरूरत किस साइज की कार पूरी कर सकती है। आपका परिवार छोटा है और आप शहर के मकसद से कार खरीदना चाहते हैं तो हैचबैक एक बेहतर विकल्प है।
अगर सैर-सपाटे के मकसद से कार खरीदना चाहते हैं तो एसयूवी की जगह सैलून सेगमेंट तरजीह दें। सैलून और एसयूवी सेगमेंट की कीमत अन्य सेगमेंट की तुलना में ज्यादा महंगी होती है।
अगर परिवार बड़ा है और सैर-सपाटे के शौकीन हैं तो एमयूवी सेगमेंट की कार आपके लिए बढ़िया रहेंगी। इन सेगमेंट में महिंद्रा क्वांटो, शेवरले इंजॉय, मारुति एर्टिगा जैसी गाड़ियां आती हैं। इसमें आप ज्यादा लोगों के साथ ज्यादा सामान भी ले जा सकते हैं।



आप अगर एक स्पोर्टी लुक की बड़ी कार की तलाश में हैं। तो एसयूवी गाड़ियां आपके लिए हैं। ये गाड़ियां आफ रोड भी बढ़िया परफॉर्मेंस देती हैं। यह गाड़ियां आरामदायक और लंबे सफर के लिए बढ़िया हैं। परंतु आम भारतीय शहर को देखते हुए इन्हें शहर के भारी ट्रैफिक में चलाना कठिन हो जाता है।
माइलेज -माइलेज कार खरीदने के दौरान एक जरूरी वजह होती है। आज के समय में एक कार कई इंजन में उपलब्ध होती है। जैसे वॉक्सवैगन पोलो दो अलग इंजन 1.2 और 1.6 लीटर में मौजूद है। बेहतर कार माइलेज को देखते हुए 1.2, 1.6 लीटर की तुलना में ज्यादा बढ़िया विकल्प है।



वहीं डीजल इंजन, पेट्रोल की तुलना में ज्यादा किफायती होता है। लेकिन डीजल इंजन लेना तब ज्यादा कारगर होता है जब आप करीब 100 किमी का सफर तय करते हों। अक्सर लोग डीजल इंजन कार को किफायत के कारण खरीद लेते हैं जबकि वह रोज कम सफर करते हैं। इसलिए कार की माइलेज और सफर के आधार पर खरीदना चाहिए। सस्ती मेंटिनेंस - कार खरीदने से पहले उपभोक्ताओं को मेंटिनेंस का ध्यान रखना चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि कार को खरीदना आसान है लेकिन मेंटेन करना कठिन होता है।  पुरानी कार अक्सर नई कारों की अपेक्षा ज्यादा सस्ती साबित होती हैं। क्योंकि पुरानी लॉन्च गाड़ियों के पार्ट्स आसानी से कम दामों पर उपलब्ध हो जाते हैं। उदाहरण के लिए मारुति की अल्टो को, आईटेन की तुलना में मेंटेन करना ज्यादा आसान है।



इसलिए कार का चुनाव करने से पहले कंपनी द्वारा दी जा रही फ्री मेंटिनेंस स्कीमों को भी ध्यान में रखना चाहिए। कई कंपनियां फ्री सर्विसिंग जैसी स्कीम चलाती है। जो आमतौर पर ज्यादा किफायती साबित होती है।
इसलिए भारत में किसी अन्य कंपनी की ओर जाने से पहले ग्राहक मारुति सुजुकी को खरीदना चाहता है। दरअसल मारुति एक जाना-माना नाम है और ज्यादा बिक्री के कारण इसका मेंटिनेंस अधिक किफायती साबित होता है। महंगे फीचर - हर कार अत्याधुनिक फीचर के साथ अलग अलग मॉडल्स में उपलब्ध होती है। कई कारों में सेफ्टी के मद्देनजर एबीएस और एयरबैग जैसी तकनीक दी जाती है। अगर इनके दामों में अंतर देखा जाए तो पता चलेगा कि ऐसे फीचर दूसरे मॉडल से ज्यादा महंगे होते हैं। मारुति एर्टिगा का जेडएक्सआई मॉडल इसके वीएक्सआई मॉडल से पचास हजार रुपये से ज्यादा महंगा है   इसके साथ ही अन्य दूसरे फीचर जैसे सनरूफ, महंगे म्यूजिक सिस्टम या नेविगेशन सिस्टम आदि की जरूरत हो तभी खरीदें। ऐसे फीचर वाले कार के मॉडल सामान्य कारों की तुलना में अधिक महंगे होते हैं।



कार खरीदने से अगर आप इन बातों का ख्याल रखेंगे तो ये आपकी जेब के लिए किफायती और आपके लिए चिंता मुक्त साबित होगा। इसलिए सेल्स प्रतिनिधि से हर मुद्दे पर चर्चा करें, कार के संदर्भ में सही जानकारी हासिल करें। इतना भी मुश्किल नहीं है कार चलाना, बस याद रखें ये टिप्स अगर आप भी कार चलाना सीखना चाहते हैं या फिर आपने अभी-अभी ही कार चलाना शुरू किया है तो आपको कुछ बातों का ध्यान जरूर रखना चाहिए। यहां हम आपको बता रहे हैं कुछ जरूरी टिप्स जो कार चलाने में आपकी मदद करेंगे। कार सीखने से पहले आपको कार की पूरी जानकारी होना जरूरी है। सबसे पहले गियर अजस्टमेंट के बारे में जान लें और फिर क्लच और ब्रेक के बारे में भी। हमेशा याद रखें कि कार सीखते समय कार की स्पीड कम रखें और इसी के मुताबिक कार की गियर को शिफ्ट करते रहें। 

                         
 हमेशा याद रहे कि अगर आपकी सीटिंग पोजिशन ठीक नहीं होगी तो आप ड्राइव भी ठीक से नहीं कर पाएंगे। अपनी सीटिंग पोजिशन हमेशा ऐसी रखें कि जिससे आपकी पीठ, घुटने और कंधों पर भी ज्यादा जोर ना पड़े। इस बात का भी ध्यान रखें कि बैठते समय आपका पैर ब्रेक और क्लच तक आराम से जाए ताकि उन्हें इस्तेमाल करने में कोई परेशानी न हो। कार चलाते समय सड़कों पर काफी ध्यान देनी की जरूरत होती है इसलिए कार चलाने से पहले रियर व्यू मिरर को अपने मुताबिक अजस्ट कर लें ताकि पीछे आराम से देख सकें। ट्रैफिक में कार हमेशा संभल कर ही चलाएं और ट्रैफिक नियमों का पूरी तरह पालन करें।  अक्सर यह देखने को मिलता है कि कुछ लोग जब थोड़ा बहुत कार चलाना सीख जाते हैं तो वे तेज गाड़ी चलाने लगते हैं और कई बार ऐसा करने पर दुर्घटना के शिकार भी हो जाते हैं। ऐसे में अपने अंदर थोड़ा संयम रखें, जब तक पूरी तरह से आत्मविश्वास ना आए तब तक गाड़ी की स्पीड कम ही रखें।



जब भी आप कार चलाना सीख रहे हों तो अपने आगे चल रही गाड़ियों से थोड़ी दूरी बनाए रखे क्योंकि कई बार आगे चल रही गाड़ी अचानक रुक या मुड़ सकती है, ऐसे में आपको भी अपनी गाड़ी अचानक रोकनी पड़ सकती है। सुरक्षा के लिए ऐसा किया जाना बेहद जरूरी है। मौसम ने कोहरे की चादर ओढ़नी शुरू कर दी है। कोहरे के मौसम में रोड ऐक्सिडेंट्स की तादाद काफी बढ़ जाती है। ऐसे में जरूरी है कि कोहरे में अपनी गाड़ी से निकलते वक्त बेहद सावधानी रखें और पूरी तैयारी के साथ निकलें। खालिद अमीन बता रहे हैं कि कोहरे में सेफ ड्राइव करने के लिए क्या-क्या सावधानियां बरतनी चाहिए... कोहरे में एक्सिडेंट्स बढ़ जाते हैं और इसकी वजह होती है खराब विजिबिलिटी में भी तेज रफ्तार और जल्दबाजी खुद को और दूसरों को सेफ रखने के लिए धीरे चलें। स्पीडोमीटर पर नजर रखें।



कुछ देर कोहरे में चलने के बाद ड्राइवर खुद को ऐडजस्ट कर लेता है और गाड़ी की स्पीड बढ़ने लगती है। ओवरटेक करने से जितना हो सके, बचें। कोहरे में चलने का अच्छा तरीका है कि आगे वाली कार या बस वगैरह के पीछे अपनी गाड़ी लगा दें। आम दिनों के मुकाबले थोड़ी ज्यादा दूरी बनाए रखें, ताकि इमरजेंसी में ब्रेक लगाने के लिए वक्त मिल जाए। कोहरे में सड़कें भी गीली रहती हैं इसलिए ब्रेक के लिए ज्यादा दूरी रखना अच्छा रहता है। कहीं मुड़ना है तो काफी पहले से इंडिकेटर दे दें, जिससे दूसरी गाड़ियों को टाइम मिल जाए। घने कोहरे में सबसे अच्छा तरीका है, सड़क के बाएं किनारे को देखकर उसके साथ-साथ चलते रहें। इससे गाड़ी एक सीधी दिशा में बिना इधर-उधर भटके चलती रहेगी। कुछ बड़ी सड़कों पर पीले रंग की लाइनें भी होती हैं। सड़क के किनारे के साथ बनी पीली लाइन को फॉलो करके भी चल सकते हैं। सड़क के बीचोबीच न चलें। 



सबसे ज्यादा जरूरी चीज है कि अगर रास्ते में गाड़ी रोकनी पड़े या बंद हो जाए तो उसे सड़क के किनारे से हटा लें, क्योंकि भले ही आपकी पार्किंग लाइट्स ऑन होंगी लेकिन इस बात की पूरी आशंका है कि कोई आपकी गाड़ी को पीछे से टक्कर मार देगा। फॉग लैंप की मदद से आप कोहरे में हेडलाइट के मुकाबले ज्यादा अच्छी तरह और ज्यादा दूर तक देख सकते हैं। फॉग लैंप्स हेडलाइट्स की तरह ज्यादा दूर तक रोशनी नहीं फेंकते। इनसे निकलने वाली रोशनी कम दूरी तक जाती है, लेकिन ज्यादा वाइड एरिया कवर करती है। इन्हें हमेशा कार के बंपर में नीचे की ओर फिट करवाना चाहिए। हेडलाइट्स पर पीली पन्नी लगाने का फंडा भी कारगर नहीं है। भारत में गाड़ी खरीदते समय कीमत के अलावा जिस चीज पर लोग ज्यादा ध्यान देते हैं, वह इसकी ईंधन खपत क्षमता है। पेट्रोल की लगातार बढ़ती कीमतों के कारण ज्यादा माइलेज देने वाली गाड़ी लोगों की पसंद होती है। आप कुछ अन्य तरीकों से भी गाड़ी के माइलेज को बढ़ा सकते हैं और कम ईंधन में काम चला सकते हैं।



गाड़ी के नियमित रखरखाव और सर्विस से इसके माइलेज को बढ़ाने में मदद मिलती है क्योंकि गाड़ियों के घूमने वाले हिस्से जैसे इंजन और गियरबॉक्स को लुब्रिकेशन की जरूरत होती है। ऐसा नहीं करने पर इसका माइलेज कम हो जाता है। सर्विस ऑइल चेंज, कूलैंट ऑइल का लेवल, चेन लुब्रिकेशन पर खास तौर पर ध्यान दें।


 अधिक  जानकारी के लिए बने रहे।







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