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एयर कंडीस्नर की सर्विस और बचत

एयर कंडीस्नर की सर्विस




गर्मी ने अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। अब वक्त है एसी को फिर से चालू करने का, लेकिन एसी चालू करने से पहले उसकी सेहत देखना भी जरूरी है। कैसे आइए जानें



खुद चेक करें - सबसे पहले यह देखें कि आपके एसी में समस्या क्या है। मसलन उसे स्टार्ट करके देखें। हो सकता है वह स्टार्ट ही न हो रहा हो। या स्टार्ट हो भी रहा है तो हो सकता है वह कूलिंग न कर रहा हो। या स्टार्ट हो रहा हो और गर्म हवा दे रहा हो। - अगर स्टार्ट ही नहीं हो रहा है तो सॉकेट में प्लग ठीक से लगा है, यह सुनिश्चित करें। कई बार काफी दिनों तक इस्तेमाल में न होने के कारण प्लग ढीला हो जाता है। फिर भी स्टार्ट नहीं हो रहा है तो आगे का काम मकैनिक करेगा। - अगर ठंडा नहीं कर रहा है तो देखें कि फैन ब्लोअर बेल्ट कहीं से टूट तो नहीं गई है। ऐसा होने से भी कई बार कूलिंग कम हो जाती है। ब्लोअर बेल्ट को रिपेयर कराने या बदलवा देने से कूलिंग ठीक हो जाती है। - एसी की असली स्थिति पहले से पता होगी तो सर्विस के बाद उसे चेक करने में आपको आसानी होगी। पहले हो सफाई - सबसे पहले तो यह देखें कि आपका एसी लगा कहां है। अगर वह ऐसी जगह है, जहां धूप और धूल की मार कम पड़ती है, तो मुश्किल कुछ आसान हो जाएगी वरना काम भारी है।


 किसी भी तरह की सफाई करने से पहले एसी की बिजली सप्लाई पूरी तरह बंद कर दें। सॉकेट से प्लग बाहर निकाल दें। - सर्विसिंग करने आए मकैनिक से बाहर के यूनिट को साफ करवाएं। - अगर वक्त हो तो यूनिट को नीचे उतरवाकर साफ कराएं। इससे सफाई ज्यादा अच्छी और इत्मीनान से हो सकेगी। - अक्सर मकैनिक सीधे पानी डालकर साफ करने को कहते हैं। पहले सूखे कपड़े से ऊपर का कवर साफ करवाएं फिर पानी डालकर साफ करवाएं। - इस बात का इत्मीनान कर लें कि मकैनिक के पास संकरी जगह तक पहुंचने वाले ब्रश भी हों। इनके जरिए वह सफाई ज्यादा अच्छी तरह से कर सकेगा। - कॉयल क्लीनर नाम का क्लीनिंग सोप आता है। सफाई के लिए इसका इस्तेमाल करें। - स्प्लिट एसी की सफाई के दौरान कॉपर पाइप (जो कमरे तक आता है) की सही फिटिंग बहुत जरूरी है।



कई बार जोर-आजमाइश के चलते यह पाइप डैमेज हो जाता है और खर्चा बढ़ जाता है। ऐसे में सावधानी बरतें। - जितने भी मोटराइज्ड पार्ट (फैन, रोटेटर) हों, उनमें ऑयलिंग जरूरी है। स्प्रे स्टाइल ऑयलिंग कराएं। स्प्रे की शक्ल में ऑयल तेजी से उन जगहों तक पहुंच जाता है, जहां अक्सर पुरानी स्टाइल की बोतलें नहीं पहुंच पातीं। - मार्केट में स्पेयर पार्ट्स या एसी रिपेयरिंग शॉप से एसी कॉयल क्लीनर मिल जाएगा। यह स्प्रे और लूज दोनों तरह का होता है। क्लीनर लोकल और ब्रैंडेड (ट्रिपल डी और सीवीसी) कंपनियों के भी आते हैं। एक बोतल (300 एमएल) की कीमत तकरीबन 300 से 500 रुपये होती है। कहीं हो न जाए गुगली एसी सर्विस के दौरान कई बार मकैनिक ऐसी ट्रिक्स भी आजमाते हैं, जिससे आपकी जेब ढीली कराई जा सके। मसलन नाजुक पुर्जों को जानबूझकर डैमेज कर देना। आप मजबूरी में उनसे ही रिपेयर कराएंगे और उनका बिल बढ़ जाएगा।




कंप्रेसर की सर्विस में अक्सर चालाक मकैनिक गैस पाइप को ढीला कर देते हैं, जिससे धीरे-धीरे गैस रिस जाती है और बाद में वही मकैनिक चेक करके लीकेज की समस्या से आपको रूबरू कराने के बाद बिल काट देता है। एसी सर्विसिंग के वक्त रेट्स का मोलभाव करें। कितना काम मकैनिक करेगा, इसे पूरी तरह तय कर लें। मिसाल के तौर पर मकैनिक तय करने के बाद आपको पता चले कि एक फ्लोर से एसी उतारने के रेट अलग हैं और दूसरे फ्लोर से उतारने के अलग, तो झटका लगना स्वाभाविक है। एसी सर्विस के रेट्स विंडो एसी के लिए 150 से 500 रुपये और स्प्लिट एसी के लिए 700 से 1000 रुपये तक हो सकते हैं। कोई आजमाया हुआ मकैनिक है, तो लोकल मकैनिक भी चलेगा, लेकिन अगर पहली बार सर्विसिंग करा रहे हैं तो कंपनी का मकैनिक ही सही रहेगा। गैस का प्रेशर सर्विसिंग से पहले और बाद में चेक करवा कर देखें। लीक डिटेक्टर से पता लगाए कि कहीं गैस लीक तो नहीं हो रही। एसी का इलेक्ट्रिक कंट्रोल ठीक है और सुनिश्चित करे कि हीटिंग और कूलिंग सिस्टम एक साथ काम नहीं कर सके। थर्मोस्टैट ठीक अवस्था में है, यह भी चेक करें। खुद करते रहें यह काम अपने फिल्टर को थोड़े-थोड़े समय के बाद साफ करते रहें। आपके एसी का एयर फिल्टर सफाई मांग रहा है, इसका सबसे बड़ा लक्षण यह है कि एसी के अंदरूनी हिस्से में बर्फ जमनी शुरू हो जाएगी। इसका मतलब है है कि हवा का सामान्य प्रवाह नहीं हो पा रहा है। ऐसे में फिल्टर को उतारकर खुद ही उसकी धूल और गंदगी साफ कर सकते हैं। ऐसा करने पर आप पाएंगे कि आप एसी की कूलिंग अपने आप अच्छी हो गई है। साफ फिल्टर का मतलब है कि आपका एसी पहले के मुकाबले अब 10 से 15 फीसदी कम बिजली खर्च करेगा।



बचत 
अभी गर्मी का मौसम पूरे शबाब पर नहीं है, लेकिन फिर भी चढ़ता पारा आने वाली दिक्कतों की दस्तक तो दे ही रहा है। गर्मी के मौसम को छकाने के लिए एयर कंडिशनर से बड़ा हथियार क्या हो सकता है! एसी से जुड़ी जरूरी जानकारी दे रहे हैं
अगर गर्मी भगाने के लिए एसी लेने का प्लान बना रहे हैं तो मार्केट में आने वाले नए मॉडल्स पर नजर जरूर रखें। इससे आपको बेहतर कूलिंग वाले एसी तो मिलेंगे ही, साथ ही नई तकनीक का सहारा भी मिलेगा



मार्केट में आए एसी के नए मॉडल्स बिजली की खपत के लिहाज से काफी किफायती साबित हो सकते हैं।
पारंपरिक विंडो और स्प्लिट के अलावा इनके बीच का भी एक वैरिएंट मार्केट में मौजूद है। इन्हें क्यूब एसी कहते हैं। यह एसी है तो विंडो, लेकिन उन कमरों के लिए कारगर है, जिनमें खिड़की नहीं है। इनका कूलिंग और कंट्रोलिंग हिस्सा कमरे के भीतर रहता है और गरमी फेंकने वाला हिस्सा बाहर। क्यूब एसी 1.25 टन से 1.5 टन के ऑप्शन में मिलते हैं।  मार्केट में इन्वर्टर एसी भी आ गए हैं। इनका मतलब यह कतई नहीं है कि एसी इन्वर्टर से चलेंगे। यह खास तकनीक एसी में इस तरह का फंक्शन है, जो जरूरत के मुताबिक ही कंप्रेसर पर जोर डालता है। मिसाल के तौर पर अगर कूलिंग सेट तापमान तक पहुंच गई है तो कंप्रेसर में मौजूद मोटर अपनी रफ्तार कम कर देगा। इससे बिजली की खपत कम हो जाएगी। फिलहाल इस तरह की तकनीक केवल स्प्लिट एसी में ही मौजूद है।  अगर आप कमरे की दीवारों का रंग-रोगन कराने वाले हैं तो प्लान करके मैचिंग कलर और डिजाइन में भी एसी खरीद सकते हैं।



ऐसा एसी भी बाजार में आया है, जो कूलिंग के साथ ही मच्छर भगाने का दावा भी करता है। अगर आप मच्छर से परेशान रहते हैं तो यह खरीद सकते हैं।  कुछ एसी बरसात के मौसम के हिसाब से अलग मोड लेकर बाजार में आए हैं जो कूलिंग में इजाफा किए बिना ही मॉइश्चर कंट्रोल करते हैं। इससे मॉनसून की चिपचिपी गर्मी से राहत मिलती है।  मार्केट में अब ऑल वेदर एसी भी मौजूद हैं जो गर्मी में ठंडक के साथ ठंड में आपको गरम भी रखेंगे। अब उन एसी की डिमांड लगातार बढ़ रही है जो कम पावर में बेहतर कूलिंग देते हैं। ऐसे में ज्यादा स्टार रेटिंग वाले एसी डिमांड में हैं।  मार्केट में ज्यादा दिनों की आफ्टर सेल सर्विस (2-5 साल) वाले एसी आ गए हैं, जो एसी खरीदने के बाद किसी भी परेशानी से आपको बचाते हैं।




कैसा  एसी   ले 
- एसी को 1 स्क्वेयर फुट जगह को ठंडा करने में 20 बीटीयू प्रति घंटा खर्च करना पड़ता है। बीटीयू का मतलब है ब्रिटिश थर्मल यूनिट। 3.5 बीटीयू 1 वॉट के बराबर होता है।
- एक टन लगभग 12000 बीटीयू के बराबर होता है। यह टन वजन वाला टन नहीं है, बल्कि एसी की क्षमता को नापने में इस्तेमाल होने वाली इकाई है।
- अगर इस गणित में न पड़ें तो हम कह सकते हैं कि 100 स्क्वेयर फुट (10x10 फुट का कमरा) के कमरे के लिए 1 टन का एसी कारगर होगा। इस हिसाब से 100 से 150 स्क्वेयर फुट (10x15 फुट का कमरा) की जगह को ठंडा रखने के लिए 1.5 टन का एसी काफी होगा। 200 स्क्वेयर फुट या उससे बड़ी जगह को ठंडा रखने के लिए 2 टन या उससे बड़े एसी के बारे में सोचना पड़ेगा। मार्केट में 5000 बीटीयू से लेकर 24 हजार बीटीयू तक के एसी मौजूद हैं।




स्टार रेटिंग का फंडा
किसी भी अन्य होम एप्लाएंस की तरह ही एसी पर मौजूद स्टार रेटिंग ही यह तय करती है कि वह बिजली की खपत के लिहाज से कितना किफायती है। मिनिस्ट्री ऑफ पावर के तहत ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिशंसी यानी बीईई बिजली से चलने वाले उपकरणों के लिए स्टार मानक तय करती है। ये मानक स्टार रेटिंग के रूप में होते हैं। रेटिंग 1 से 5 स्टार की होती है। स्टार रेटिंग का सीधा मतलब है कि जितने कम स्टार होंगे, वह उपकरण बिजली की खपत भी उतनी ही ज्यादा करेगा। स्टार रेटिंग से पड़ने वाले फर्क को आप इस तरीके से भी समझ सकते हैं  जितने वक्त में एक स्टार का एसी 100 रुपये की बिजली खर्च करता है, उतनी ही देर चलने में 5 स्टार रेटिंग का एसी केवल 69 रुपये की बिजली की खपत करता है।  स्टार रेटिंग वाले एसी भले ही हाई रेटिंग के एसी के मुकाबले सस्ते हैं लेकिन लंबी रेस में आपकी बचत हाई रेटिंग वाला एसी ही करेगा।  इस हिसाब से आपका एसी न केवल आपकी बिजली बचा रहा है, बल्कि आपको कमा कर भी दे रहा है। 3 साल में ही यह 5 स्टार रेटिंग पर खर्च किए गए एक्स्ट्रा पैसे आपको बचा कर वापस कर देगा।  दिल्ली में घरों में औसतन 252 दिनों तक 8 घंटे एसी चलता है। इस लिहाज से देखा जाए तो स्टार रेटिंग आपके बजट पर असर डाल सकती है। अगर आपको 5 स्टार रेटिंग का एसी महंगा लगता है तो बीच का रास्ता अपना कर 3 स्टार तक के एसी खरीदें। एसी खरीदते वक्त कूलिंग कैपेसिटी के साथ ही एसी की खपत वॉट में पता करें।



बिजली बचाने के टिप्स
जिस कमरे में एसी लगा है, उसके दरवाजे और खिड़कियों में जितना अच्छा इंसुलेशन होगा, कूलिंग उतनी ही अच्छी होगी एसी रूम में रखा फ्रिज या कंप्यूटर एसी की कूलिंग को तो गिराता ही है, साथ ही आपके एसी के बिल को भी बढ़ाता है।  बेहतर होगा कि एसी का मीटर अलग लगवाएं, जिससे खपत के बारे में अच्छी तरह से पता चल सके। एसी रूम में बार-बार आने-जाने से भी बिजली की खपत बढ़ती है।
सही वायरिंग और स्विचों से सेफ्टी के साथ ही बिजली के बिल को कम किया जा सकता है।




कितनी कूलिंग भली

कूलिंग जितनी बढ़ेगी यानी टेंप्रेचर जितना घटेगा, बिजली का मीटर उतनी ही तेज भागेगा। ऐसे में कुछ जरूरी बातें ध्यान में रखें एसी की कूलिंग जब 25.5 डिग्री सेल्सियस के आसपास होती है, तब यह सबसे कम बिजली खर्च कर रहा होता है। देखा गया है कि लोग मोटे कंबल लेकर कूलिंग बढ़ाकर सोते हैं। बेहतर होगा कूलिंग कम रखें और बिना कंबल के सोएं। जब दिन भर घर पर ही (अक्सर बाहर से घर पर आने में ज्यादा गर्मी महसूस होती है) हों तब कंफर्टेबल महसूस करने पर आप टेंप्रेचर एक डिग्री और बढ़ा सकते हैं।
 बदलते मौसम में कूलिंग में बदलाव कर सकते हैं। अगर आप घर पर नहीं हैं और पेट्स के लिए एसी चला कर छोड़ना चाहते हैं तो 5 डिग्री बढ़ा सकते हैं। इससे बिजली की बचत होगी।




कूलिंग की एक सीमा तय रखें, जिस पर पहुंचते ही एसी कूलिंग खुद-ब-खुद रोक दे। इससे भी बिजली की बचत होगी। अगर आप कूलिंग और बिजली की खपत के बीच संतुलन बना कर रखना चाहते हैं तो इकॉनमी मोड (कई एसी प्रीसेट इकॉनमी मोड के साथ आते हैं और कुछ में मैनुअली सेट कर सकते हैं) पर एसी के साथ ही कमरे का पंखा भी चलाएं। इकॉनमी मोड पर एसी सबसे कम बिजली की खपत करता है। याद रहे एसी में मौजूद फैन चला कर आपको कूलिंग तो मिलती है, लेकिन आपका बिजली मीटर भी तेजी से भागने लगता है।
कूलिंग पर इनका भी होता है असर  अगर कमरा छायादार जगह पर है, तो एसी को ठंडा करने में कम ऊर्जा खर्च करनी पड़ेगी। नीचे के फ्लोर में लगा एसी ऊपर के फ्लोर पर लगे एसी से बेहतर ठंडक देता है। एसी की ठंडक इस बात पर भी निर्भर करती है कि कमरे में कितने लोग रहते हैं। अगर कमरे में कंप्यूटर है और उसे चलाया जाता है, तो एसी की कूलिंग पर असर पड़ेगा। कमरे की खिड़कियों और दरवाजे भी एसी की क्षमता पर असर डालते हैं। खिड़कियां और दरवाजे ज्यादा होंगे तो कूलिंग कम होगी।





कैसे रखें एसी को फिट अमूमन नॉर्थ इंडिया में एसी पूरे साल नहीं चलते। लगभग 4-6 महीने तक इन्हें पैक करके रख दिया जाता है। कुछ टिप्स जिससे आपका एसी रहेगा हमेशा फिट जब एसी की जरूरत खत्म हो जाए तो उसकी सर्विस कराकर उसे पैक करके रख दें। हर एक या डेढ़ महीने पर एसी का फिल्टर साफ करें। अगर खराब हो गया हो तो बदलवाएं। ऐसा न करने से एसी में एयर सर्कुलेशन रुक जाएगा, जिसका सीधा असर कूलिंग पर पड़ेगा। एसी के बाहरी हिस्से में दिखने वाली क्वायल ही गरम और ठंडे का खेल करती है। इस पर मौजूद धूल मिट्टी जल्द ही आपके एसी को बूढ़ा कर सकते हैं। क्वायल को साफ सुथरा रख कर आप पुराने एसी से भी बेहतरीन कूलिंग ले सकते हैं।  एसी से नमी को बाहर करने वाले ड्रेन पाइप को भी साफ रखें। अगर यह चोक हो गया तो नमी भीतर ही रह जाएगी और एसी को बड़ा नुकसान पहुंचाएगी। एसी के पुराने मॉडल्स में मोटर और फैन बेल्ट होती है, जिनको मेंटेन रख कर एसी नए की तरह काम कर सकता है। एसी से आने वाली किसी भी अलग तरह की आवाज को इग्नोर न करें और इसे तुरंत रिपेयर कराएं।





अगर एसी वाले कमरे या एरिया में कोई बदबू आ रही है तो उसका पता करें कि कहीं यह एसी से तो नहीं आ रही। कई बार क्वायल में फंसा कोई जीव-जंतु या शॉर्ट सर्किट भी इसका कारण हो सकता है।  टेम्प्रेचर कंट्रोल के लिए लगे थर्मोस्टेट को भी वक्त-वक्त पर चेक करते रहें और जरूरत पड़ने पर बदलवाएं। एसी वाले सीजन की शुरुआत में सर्विसिंग कराने से बेहतर है कि एसी की सर्विसिंग करा कर ही उसे पैक करें। इससे एसी को महीनों तक नमी और गंदगी को नहीं झेलना पड़ेगा। एसी का जो यूनिट बाहर की ओर है, उसका भी ख्याल रखें और जरूरत न होने पर उसे भी सही से कवर कर दें। हो सके तो उसे भी धूप और धूल से बचाएं।






 आप  को  और  जानकारी  मिलती रहे   गी।














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